फ़ातिमा ज़हरा की दुआ

फ़ातिमा ज़हरा की दुआ

ऐ इब्ने अली तुझ को मैं क्या कह के पुकारूँ
सरकारे मदीना की अता कह के पुकारूँ

तुम सिब्ते नबी, इब्ने अली, भाई वली के
मैं फ़तिमा ज़हरा की दुआ कह के पुकारूँ

इस्लाम की ख़ातिर ही है सर अपना कटाया
तुम को शहीदे करबो बला कह के पुकारुँ

घरबार लुटाया है तो इस्लाम की ख़ातिर
मैं पैकरे तस्लीमो रज़ा कह के पुकारूँ

गिरतों के सहारा हो तुम हर ग़म के मुदावा
दुख दर्द के मारों की दवा कह के पुकारुँ

तुम नासिरे आसी को भी कुछ कर दो अता अब
मैं तुम को शहा अहले सख़ा कह के पुकारुँ

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